11 Jan पुण्यतिथि= बंगाली वीरअजय घोष
पुण्यतिथि=
बंगाली वीरअजय घोष ======== ========(11.01.1962)भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता.हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य रहे.1928में सरदार भगत सिंह,सुखदेव, राजगुरु एवं बटुकेश्वर दत्त के साथ कारावास गए एवं लाहौर काण्ड में इन्हें भी अभियुक्त के रूप में सज़ा दी गई।अजय घोष का जन्म 20 फ़र.1909 को चित्तरंजन बंगाल में हुआ.* जहां अजय नामक नदी बहती है।बाबा ने नदी के नाम से उनका नाम अजय रखा।पिता शचीन्द्र नाथ घोष थे।जो कानपुर के प्रतिष्ठित चिकित्सक थे।माँ सुधान्शु बाला थी।अजय चार भाई और दो बहन थे।अजय घोष शिक्षा पहले कानपुर फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई।अजय घोष ने इलाहाबाद से बीएससी किया।अजय घोष1923में सरदार भगत सिंह,चंद्रशेखर आज़ाद, बटुकेश्वर दत्त आदि के सम्पर्क में आये और क्रांतिकारी दल 'हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकेशन एसोसिएशन के सदस्य बने.1928में सांडर्स की हत्या और1929में केंद्रीय असेम्बली में बम फेंकने के बाद जब द्वितीय लाहौर षड्यंत्र केस के नाम से भगत सिंह आदि पर मुकदमा चला तो उस मुक्कदमे मेंअभियुक्त अजय घोष भी थे,किंतु उनके विरुद्ध अपर्याप्त सबूत होने से वे रिहा कर दिये।अजय घोष जेल में रहने के कारण कम्युनिस्ट विचारों के सम्पर्क में आए.1931की कराची कांग्रेस में उनका सुभाषचंद्र बोस से भी परिचय हुआ।फिर भी उनके ऊपर सबसे अधिक प्रभाव कम्युनिष्ट नेता श्रीनिवास सर देसाई का पड़ा और वे भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी में शामिल हुए.1936 में अजय घोष कम्युनिष्ट पार्टी की पोलितब्यूरो के सदस्य बने और 1951-1952 तक पार्टी जनरल सेक्रेटरी रहे।वे पार्टी के प्रमुख पत्र 'दि नेस्शनल फ्रंट'के संपादकीय मंडल में भी थे, उन्होंने कई पुस्तिकाएं भी लिखीं. *अजय घोष जब 1941में देवली कैप्म जेल में बंदी थे,तब उन्हें क्षय रोग हुआ, इसी से 11जन.1962को उनका देहांत हुआ.सादर वंदन.
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