12 Jan *जन्मदिवस शिवाजी की निर्माता माँ जीजाबाई
*जन्मदिवस शिवाजी की निर्माता माँ जीजाबाई= 12.01.1598
जीजा का जन्म महाराष्ट्र के सिन्दखेड़ ग्राम में 12 जन.1598.(तिथि अनुसार विं.सं.1655की पौषशुक्ला पूर्णिमा को हुआ)* उनके पिता लखूजी जाधव अन्य मराठा सरदारों की तरह निजामशाही की सेवा करते थे।इन सरदारों को निजाम से जमींदारी तथा उपाधियाँ प्राप्त थीं;पर ये सब एक- दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करते रहते थे।इनमें परस्पर युद्ध भी होते रहते थे।एक बार रंगपंचमी पर लखूजी के घर में उत्सव मनाया जा रहा था।अनेक सरदार वहाँ सपरिवार आये थे।लखूजी की पुत्री जीजा तथा उनके अधीन कार्यरत शिलेदार मालोजी के पुत्र शहाजी आपस में खूब खेल रहे थे।लखूजी ने कहा-वाह, इनकी जोड़ी कितनी अच्छी लग रही है।मालोजी ने लखूजी से कहा,इसका अर्थ है कि हम आपस में समधी हो गये।इस पर लखूजी बिगड़ गये।उन्होंने कहा-मैंने तो यह मजाक में कहा था।मेरे जैसे सरदार की बेटी तुम्हारे जैसे सामान्य शिलेदार की बहू कैसे बन सकती है?इस पर मालोजी नाराज हो गये।उन्होंने कहा,अब मैं यहाँ तभी आऊँगा,जब मेरा स्तर भी तुम जैसा हो जाएगा। मालोजी ने लखूजी की नौकरी भी छोड़ दी।अब वे अपने गाँव आ गये; उनका मन सदा उद्विग्न रहता।एक रात उनकी कुलदेवी जगदम्बा ने स्वप्न में उन्हें आशीर्वाद दिया।अगले दिन जब वे अपने खेत में खुदाई कर रहे थे,तो उन्हें स्वर्ण मुद्राओं से भरे सात कलश मिले।इससे उन्होंने 2,000 घोड़े खरीदे और1,000 सैनिक रख लिये।उन्होंने ग्रामवासियों तथा यात्रियों की सुविधा के लिए कई मन्दिर, धर्मशाला,कुएँ बनवाये।इससे उनकी ख्याति सब ओर फैल गयी।यह देखकर निजाम ने उन्हें‘मनसबदार’ का पद देकर शिवनेरी किला तथा निकटवर्ती क्षेत्र दे दिया।अब वे मालोजी राव भोंसले कहलाने लगे।उधर लखूजी की पत्नी अपने पति पर दबाव डाल रही थी कि जीजा का विवाह मालोजी के पुत्र शहाजी से कर दिया जाये.लखूजी ने बड़ीअनिच्छा से यह सम्बन्ध स्वीकार किया।कुछ समय बाद मालोजी का देहान्त हो गया और उनके बदले शहाजी निजाम के अधीन सरदार बनकर काम करने लगे।जीजाबाई के मन में यह पीड़ा थी कि उसके पिता और पति दोनों मुसलमानों की सेवा कर रहे हैं;पर परिस्थिति ऐसी थी कि वह कुछ नहीं कर सकती थी।जब वह गर्भवती हुई,तो उन्होंने निश्चय किया कि वे अपने पुत्र को ऐसे संस्कार देंगी,जिससे वह इस स्थिति को बदल सके.शहाजी प्रायः युद्ध में व्यस्त रहते थे,अत: उन्होंने जीजाबाई को शिवनेरी दुर्ग में पहुँचाया. वहाँ उन्होंने रामायण और महाभारत के युद्धों की कथाएँ सुनीं।इससे गर्भस्थ बालक पर वीरता के संस्कार पड़े *19फर.1630को शिवाजी का जन्म हुआ. आगे चलकर छत्रपति शिवाजी ने मुगलराजशाही को हरा कर-06जून1674 (ज्येष्ठ शुक्ला तेरस.वि.सं.1731)को भारत में हिन्दू पदपादशाही की स्थापना की.जीजाबाई मानो इसी दिन के लिए जीवित थीं।शिवाजी को सिंहासन पर विराजमान देखने के12वें दिन-17जून 1674(वि.सं.1731ज्येष्ठ कृष्ण9)को उन्होंने आँखें मूँद लीं.सादर वंदन.सादर नमन🙏🙏🙏🙏🙏
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