26 Jan राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और 1963 का गणतंत्र दिवस


 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और 1963 का गणतंत्र दिवस========                                                                सेना की मदद के लिए देश भर से संघ के स्वयंसेवक उत्साह से सीमा पर पहुंचे, उसे पूरे देश ने देखा और सराहा.स्वयंसेवकों ने सरकारी कार्यों में और विशेष रूप से जवानों की मदद में पूरी ताकत लगा दी-सैनिक आवाजाही मार्गों की चौकसी,प्रशासन की मदद,रसद,आपूर्ति में मदद,यहां तक कि शहीदों के परिवारों की भी चिंता. जवाहर लाल नेहरू को 1963 में 26जनवरी की परेड में संघ को शामिल होने का निमंत्रण देना पड़ा.परेड करने वालों को आज भी महीनों तैयारी करनी होती है, लेकिन मात्र दो दिन पहले मिले निमंत्रण पर 3200 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित हो गए.निमंत्रण दिए जाने की आलोचना होने पर नेहरू ने कहा-“यह दर्शाने के लिए कि केवल लाठी के बल पर भी सफलतापूर्वक बम और चीनी सशस्त्र बलों से लड़ा सकता है,विशेष रूप से 1963के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए आरएसएस को आकस्मिक आमंत्रित किया गया. ”1963की बात है.चीन से युद्ध बाद गणतंत्र दिवस की परेड में संघ को आमंत्रित किया।उस दिन में दिल्ली में बिड़ला मंदिर में विद्यार्थी परिषद का अधिवेशन चल रहा था।दो दिन पहले सुचना मिली कि गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होना है।इतनी संक्षिप्त सुचना पर भी 3200स्वयंसेवकपूर्णगणवेश में घोष सहित परेड के लिए पहुंचे।वह दृश्य देखकर कितने ही लोग हक्के-बक्के रह गए।संघ का संचलन प्रारम्भ में किया जाना तय हुआ था;लेकिन उसे दोपहर 1:30बजे अवसर दिया गया ।कोशिश यह भी हुई कि घोष का उपयोग नहीं करने दिया जाये;लेकिन अडिगता के कारण घोष के साथ स्वयंसेवक संचलन करते हुए निकले तो उपस्थित जन समूह ने उत्साहपूर्वक तालियां बजाकर स्वागत किया।परेड में संचलन के दौरान बचे हुए समय में स्वयंसेवकों ने देशभक्ति गीत गाने शुरू कर दिए।सेना के जवानों ने वहां लाउडस्पीकर लाकर लगा दिया।इससे काफी उत्साहवर्धन हुआ।वरिष्ठ प्रचारक माननीय सोहन सिंह जी की दृष्टि ही थी कि उन्होंने परेड स्थल पर पहुँचने पर सुबह ही बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों के अल्पहार की व्यवस्था कर दी थी।कार्यालय पर उनके लिए दही-परांठे तैयार करवाये।इससे वे स्वयंसेवको का आखिरी तक अंतजर करते रहे; जबकि अन्य समूहों के बहुत से बस चालक बीच में ही बसें लेकर वापिस चले गए।उन्होंने ड्राइवर -कंडक्टरों के भोजन का भी ध्यान रखा।कॉंग्रेस सेवा दल को भी परेड मेंशामिल होने के लिए कहा गया था;लेकिन उनकी ड्रेस ही तैयार नहीं थी,अतःवे परेड मेंशामिल नहीं हो सके।खूब खूब वंदन अभिनन्दन.

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