9 Jan जन्मदिवस=देशभक्तिपूर्ण गीतों के गायक महेन्द्र कपूर
जन्मदिवस=देशभक्तिपूर्ण गीतों के गायक महेन्द्र कपूर= ======== ========(09.01.1934)======*
फिल्म जगत में देशभक्ति पूर्ण गीतों की बात चलने पर महेन्द्र कपूर का धीर-गंभीर स्वर ध्यान में आता है।उन्होंने लगभग सभी रंग के गीत गाये.उन्हें प्रसिद्धि देशप्रेम और धार्मिक गीतों से ही मिली। *महेन्द्र कपूर का जन्म-09जन.1934को अमृतसर में हुआ.* जब वे एक महीने के थे,तब उनके पिता मुंबई आकर कपड़े का कारोबार करने लगे.महेन्द्र कपूर घर और विद्यालय में गीत गाते रहते थे.1953में उन्हें पहली बार‘मदमस्त’ नामक फिल्म में गाने का अवसर मिला।इससे उनकी पहचान बनने लगी।एक बार उन्हें एक गायन प्रतियोगिता में भाग लिया।उसमें नौशाद जैसे दिग्गज संगीतकार निर्णायक थे।महेन्द्र कपूर ने अपनी प्रतिभा के बल पर वहां प्रथम स्थान पाया।नौशाद ने प्रसन्न होकर उन्हें अपनी एक फिल्म में गाने का अवसर दे दिया।इसके बाद फिर महेन्द्र कपूर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।उन दिनों मोहम्मदरफी.तलतमहमूद. सी.एच.आत्मा,हेमंत कुमार, मुकेश,किशोर कुमार जैसे बड़े गायकों से ही सब निर्माता अपनी फिल्म में गीत गवाना चाहते थे।नया गायक होने के कारण उनके बीच में स्थान बनाना आसान नहीं था;पर महेन्द्र कपूर ने अपनी साधना और लगन से यह सफलता प्राप्त की।प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी भी मूलतः पंजाब के ही थे।दस वर्ष की आयु में महेन्द्र कपूर ने उन्हें गाते हुए सुना था।तब से वे उन्हें अपना गुरु मानने लगे।गायकी में सफलता मिलने के बाद भी वे पं. हुस्नलाल,भगतराम,पं. जगन्नाथ बुआ,नियाज अहमद खां,अब्दुल रहमान खां,अफजल हुसैन खान, पंडित तुलसीदास शर्मा, नौशाद,सी.रामचंद्र जैसे वरिष्ठ संगीतकारों से लगातार सीखते रहे।निर्माता,निर्देशक और अभिनेता मनोज कुमार के साथ उनकी गहरी मित्रता थी.1968में मनोज कुमार ने जब""उपकार’फिल्म बनाई, तो महेन्द्र कपूर का गाया गीत"‘मेरे देश की धरती सोना उगले,उगले हीरे मोती’"घर- घर में प्रसिद्ध हो गया।इसी प्रकार"शहीद"फिल्म का गीत "मेरा रंग दे बसंती चोला" तथा"पूरब और पश्चिम"के गीत"है प्रीत जहां की रीत सदा,मैं गीत वहां के गाता हूं;भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं"आदि से उनकी पहचान देशभक्ति के गीत गाने वाले गायक के रूप में हो गयी।बहुमुखी प्रतिभा के धनी महेन्द्र कपूर ने मराठी फिल्मों में भी गीत गाये।उन्होंने के.सी.बोकाड़िया की फिल्म ‘मैदान ए जंग’ के लिए भप्पी लहरी के निर्देशन में एक ही दिन(सात सितम्बर,1993) को सात गीत रिकार्ड कराये। फिल्म जगत का यह अद्भुत कीर्तिमान है।दूरदर्शन के लोकप्रिय धारावाहिक महाभारत का शीर्षक गीत(अथ श्री महाभारत कथा)भी उन्होंने ही गाया. अपने जीवन के सांध्यकाल में उनका आकर्षण भक्ति गीतों की ओर हो गया।फिल्मी गीतों में जैसा छिछोरापन आ रहा था,वे उसे अपने स्वभाव के अनुकूल भी नहीं पाते थे।अपने गायन के लिए उन्हें पद्मश्री तथा अन्य अनेक मान-सम्मान मिले. *27सित.2008 को देश की धरती को सर्वस्व मानने वाले महेन्द्र कपूर सदा के लिए धरती की गोद में सो गये.सादर वंदन.सादर नमन.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏*
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