13 Feb जन्मदिन परमहंस बाबा राम मंगलदास


 संत शिरोमणि अनंत श्री परमहंस राम मंगल दास जी विश्व के एक आदित्य ब्रह्मलीन संत थे जिनके समक्ष देवी -देवता, हर धर्म के पैगम्बर व सिद्ध-संत नित्य ध्यान में तथा प्रत्यक्ष प्रकट होकर बातें करते तथा आध्यात्मिक पद लिखवाते थे | उन्होंने अपने गुरुदेव की अत्यंत कठिन सेवा की पांच आज्ञाओं (महावाक्यों) का आजीवन पालन किया : 'अयोध्या में रहना, चाहे जहाँ पर | कोई जमीन दे तो न लेना | मरे पर पास में कफ़न को पैसा न निकले | कोई मारे तो हाथ न चलाना | किसी से बैर न करना |'अनेक वर्षो से सोये नहीं, वे सदा अनहद नाद को सुनते रहते थे | अतः भक्तजन स्लेट अथवा कागज़ पर लिखकर प्रश्न पूछते | तत्पश्चात गुरुदेव अपने श्रीमुख से उनकी शंका समाधान करते व उपदेश देते |

वे करुणा के सागर थे तथा सदा नंगे पैर चलते थे की कही कोई जीव मर न जाए | उनका जीवन अत्यंत ही सरल व सादा था | सिर्फ एक अचला धोती पहने, बारहो मास एक सादी लकड़ी के तखत पर सुबह से रात तक बैठते तथा भक्तो को कल्याण मार्ग बताते |
श्री परमहंस राममंगल दास जी सभी धर्मो को मानते थे | उनके भक्त हर धर्म व जाति के थे | कोई भेद भाव नहीं था | हिन्दुओ को देवी -देवताओ के मंत्र , मुसलमानो को कलमा व नमाज पढ़ना, सिक्खो को उनकी गुरु परंपरा के अनुसार उपदेश व ईसाईओ को उनकी धर्म के अनुरूप मार्ग बताते थे | वे कहते थे की भगवान भाव व प्रेम के भूखे है, आडम्बर के नहीं |
उनका मुख्य उपदेश था : ' सादा भोजन , सादा कपड़ा, अपनी सच्ची कमाई का अन्न तथा अपने को सबसे नीचा मान लेना | कोई बेखता बेकसूर गाली दे , धक्का दे उसके हाथ जोड़ देना |' वे कहते थे 'मान अपमान फूंक दो तब भगवान की गोद में जाकर बैठ जाओगे | जो भगवान को सब कुछ सौप देता है, भगवान उससे बड़े खुश रहते है |जिसको भगवान का सच्चा भरोसा है उसे तकलीफ कैसे हो सकती है |'
'सेवा धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है | बिना बुलाये जाकर सेवा कर आओ, जितनी शक्ति हो, बस भजन हो गया | बुलाकर जाने से सब कट जाता है |'

Comments

Popular posts from this blog

24 March Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) के 46 वर्षों से प्रचारक गौरी शंकर चक्रवर्ती जी पुण्यतिथि

24 Jan न्मदिवस पुलिन बिहारी दास पुलिन बिहारी दास का जन्म