22 Feb *यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त
*यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त (जन्म:22फ़र.1885; मृत्यु:22जुलाई,1933)
स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख नायक यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त(देशप्रिय)का जन्म -22फ़र.1885को चटगांव में हुआ.पिता जात्रमोहन सेनगुप्त बड़े लोकप्रिय, बंगाल विधान परिषद के सदस्य थे।यतीन्द्र मोहन बंगाल में शिक्षा पूरी की।फिर-1904में इंग्लैंड गए.1909में बैरिस्टर बन स्वदेश आए।उन्होंने 'नेल्ली ग्रे' नाम की एक अंग्रेज़ लड़की से विवाह किया। श्रीमती नेल्ली सेनगुप्त ने भी स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भाग लिया ।
यतीन्द्र मोहन ने कोलकाता उच्च न्यायालय में वकालत की।रिपन लॉ कॉलेज में अध्यापक भी रहे.1911में कांग्रेस में सम्मिलित हुए. 1920की कोलकाता कांग्रेस में भाग लिया। किसानों और मज़दूरों को संगठित करने में उनका ध्यान विशेष ध्यान था.
1921में सिलहट में चाय बाग़ान मज़दूरों के शोषण के विरुद्ध इनके प्रयत्न से बाग़ानों के साथ-साथ रेलवे और जहाज़ों में भी हड़ताल हुई।तब उन्हें जेल में डाल दिया।स्वराज पार्टी बनने पर यतीन्द्र उसकी ओर से बंगाल विधान परिषद के सदस्य चुने. 1925में उन्होंने कोलकाता के मेयर बने।जनहित कार्यों से वे लोकप्रिय बने। उन्हें पांच बार कोलकाता का मेयर चुना गया। मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुए 1928के कोलकाता अधिवेशन के स्वागताध्यक्ष यतीन्द्र मोहन ही थे।रंगून(यांगून)में बर्मा(म्यांमार)को भारत से अलग करने के सरकारी प्रस्ताव के विरोध में एक भाषण दिया तो राजद्रोह का आरोप मे फिर जेल गये.1930में कांग्रेस को सरकार ने गैर-क़ानूनी घोषित किया।तब यतीन्द्र कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष चुने गए।सरकार ने उन्हें फिर गिरफ़्तार कर लिया।पत्नी नेली सेनगुप्त भी गिरफ़्तार हुई.1931में पुन:अध्यक्ष पद हेतु नाम आया।किन्तु सरदार पटेल के पक्ष में कराची कांग्रेस की अध्यक्षता से अपना नाम वापस ले लिया. 1931में वे स्वास्थ्य सुधार हेतु विदेश गए.1932 में ,भारत आते ही पुन:जेल गए.1933में कोलकाता में कांग्रेस का अधिवेशन था। अध्यक्षता मदन मोहन मालवीय जी को करनी थी, लेकिन अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया। फिर पुलिस के सारे बन्धनों को तोड़ते हुए श्रीमती नेल्ली सेनगुप्त ने इस अधिवेशन की अध्यक्षता की।अपने भाषण के कुछ शब्द ही बोल पाई थीं कि उन्हें भी गिरफ़्तार कर लिया।य.मो.सेनगुप्त को अस्वस्थ अवस्था में ही जेल में बन्द रखा.22 जुलाई1933को रांची में उनका निधन हुआ।सादर वंदन।नमन।👏
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