4 Feb वीरगतिदिवस युवा तरूण वीर बालक हकीकतराय 04.02.1734/40
वीरगतिदिवस युवा तरूण वीर बालक हकीकतराय 04.02.1734/40
बसंत पंचमी)हकीकतराय का जन्म- 1719/24मे स्यालकोट (पाक)मे हुआ* पिताजी भगवानराय(भागमल)खत्री।माता पिता धर्म प्रेमी।बेटा भी धर्मप्रेमी।संस्कृत सीखी।तब मुगल शासन था।अरबी, फारसी का महत्व था।सो पिता ने इन्हें मदरसा भेजा।पढ़ाई मे होशियार होने से मुस्लीम छात्र इनसे जलते थे।एक दिन मोलवीजी के बाहर गांव जाने पर पीछे से सभी छात्र मोझ मस्ती करने लगे।पर हकीकत तो अपनी पढ़ाई मे मस्त था।तब एक मुस्लीम छात्र ने उनकी पुस्तक छीन ली।हकीकत ने बोला तुम्हें मां भवानी की कसम,मुझे मेरी पुस्तक दे दो।छात्र ने मां भवानी देवी दुर्गा को गाली बोली।तब हकीकत ने उसकी जोरदार पीटाई कर दी।हकीकत राय ने विरोध किया.और कहा"यदि मैं मुहम्मद साहब की पुत्री फातिमा के विषय में ऐसी ही गाली दू,अपमानजनक भाषा का प्रयोग करू,तो तुम लोगों को कैसा लगेगा.मौलवीजी के आने पर मुस्लीम छात्र ने हकीकत की नमक मिर्च लगा शिकायत करी,मौलवी ने हकीकत की खूब पीटाई कर काजी के पास ले गया।काजी ने लाहोर के बड़े ईमाम के पास भेजा।ईमाम ने हकीकत को दोषी कहा कि तुमने इस्लाम की तोहीन की है।या तो माफी मांग,या मुश्लीम बनो,वरना मृत्युदंड ।बालवीर हकीकत ने कहा-मैं हिंदू था,हूं,और हमेशा रहूंगा।माता पिता,पत्नि ने उन्हें धर्म बदलने को बोला।बेटे ने कहा -शरीर मरता है,आत्मा नहीं।सो मौत के डर से मैं हिंदू धर्म नहीं बदलूंगा. *दि.04.02. 1734/40.को बसंत पंचमी को उसे फांसी पर चड़ा कर उनका सिर काट दिया।वो सिर जमीन पर नहीं गिरा,सीधे ऊपर स्वर्ग को गया।उन्हीं की स्मृति मे बसंत पंचमी को पतंगें उड़ाते हैं.लाहौर से दो मील दूर पूर्व दिशा में हकीकत राय की समाधि बनी हुई है सादर वंदन.सादर नमन.
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