22 March विश्व जल संरक्षण दिवस


 विश्व जल संरक्षण दिवस==22मार्च

(1)पानी बचाने के संकल्प का दिन है।यह दिन जल के महत्व को जानने का और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन है।आँकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है।प्रकृति इंसान को जीवनदायी संपदा जल एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, इंसान भी इस चक्र का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।चक्र को गतिमान रखना प्रत्येक व्यक्ति की प्रमुख ज़िम्मेदारी है।इस चक्र के थमने का अर्थ है,जीवन का थम जाना।प्रकृति के ख़ज़ाने से जितना पानी हम लेते हैं,उसे वापस भी हमें ही लौटाना है।हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते।अतः प्राकृतिक संसाधनों को दूषित नहीं होने देना चाहिए और पानी को व्यर्थ होने से भी बचाना है।अर्थात जल है तो कल है।अत:इसकी एक एक बूंद को भी व्यर्थ नहीं जाने देना है।जल की एक एक बूंद को हमें बचानी है।💦(2)जलशक्तिअभियान :#जल संचय के निर्धारित #लक्ष्य को समय रहते पूरा करें। #अधिकारी :उपायुक्त*

*-ग्राम सभाओं का आयोजन कर जल सरंक्षण के लिए लें सुझाव,बरसाती पानी संचय के लिए स्थानों का करें चयन.बरसाती जल सरंक्षण करें।जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है.इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा और पानी बर्बादी को रोकने के साथ- साथ बरसाती पानी का सरंक्षण की दिशा में गंभीरता से कदम उठाने होंगे.इसी उदेश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल संरक्षण के लिए विश्व जल दिवस के अवसर पर 22मार्च को 'कैच द रेन, वेयर इट फॉलस,वैन इट फॉलसÓ देशव्यापी अभियान का शुभारंभ करेंगे और यह अभियान 30 नवंबर 2021तक चलेगा।* अभियान से जुड़े संबंधित विभाग के अधिकारी इस योजना के बेहतर क्रियांवयन के लिए तैयारी करें।इस अभियान के तहत जिला में सरकारी भवनों,स्कूलों,आंगनवाड़ी केंद्रों की छतों पर जल संचय सिस्टम,वाटर हॉर्वेस्टिंग, तालाबों तथा चैक डैमों की सफाई, एकीकृत वाटर शैडों का जीर्णोद्धार आदि गतिविधियां की जाएंगी।

जहां भी हो जब भी हो, वहीं बारिश के पानी के संचयन किया जाए और यही इस अभियान का उद्धेश्य है और सामूहिक प्रयास से ही जल संचय लक्ष्य को पूरा करना संभव है।संबंधित विभाग आपसी तालमेल से निर्धारित लक्ष्य को समय अवधि में पूरा करें।इसके साथ-साथ बरसाती जल सरंक्षण के लिए सही स्थानों व भवनों का चयन करें,ताकि अधिक से अधिक बरसाती पानी को एकत्रित किया जा सके।उन्होंने कहा कि स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों,पंचायत भवनों,सरकारी भवनों व पार्कों में पौधारोपण कर स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कार्य करें।इसके अलावा बरसाती सीजन से पहले हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई का कार्य मनरेगा के माध्यम से करवाया जाए गिरता भू जल स्तर चिंता का विषय है।इसके लिए हमें आज ही सजगता से कार्य करने होंगे, ताकि भूमि का जल स्तर बढ सके।यह तभी संभव हो पाएगा जब जल चेतना खुद को जन चेतना में बदल दे और जल संचय कार्य एक जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित किया जाए। आमजन को पानी की एक-एक बूंद का महत्व के बारे में जागरूक करते हुए पानी की व्यर्थ बर्बादी न करने के लिए प्रेरित किया जाए। *जल है तो जीवन है। व्यर्थ ना जाने दें।एक एक बूंद पानी की जल की बचानी है।और तभी सभी ओर खुशहाली आनी है

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