22 March स्मरणीय दिन ब्रह्मोस मिसाइल सफल परीक्षण


 स्मरणीय दिन 

ब्रह्मोस मिसाइल सफल परीक्षण स्मरणीय दिन 

ब्रह्मोस मिसाइल सफल परीक्षण 

22मार्च 2018सुबह सुखोई से दागी गई 'ब्रह्मोस'दूसरा परीक्षण भी सफल हो गया था।सेना और सब के लिए खुशी के समाचार =भारत ने राजस्थान में जैसलमेर जिले के पोखरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में दुनिया की सबसे तेज सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल "ब्रह्मोस"का फिर टेस्ट लिया. ब्रह्मोस मिसाइल ने सेना और डीआरडीओ के अधिकारियों की उपस्थिति में किए गए इस दूसरे टेस्ट को भी पास किया *कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरने और राडार की नजरों से बचने में माहिर माने जाने वाली ब्रह्मोस का परीक्षण -21.3.2018तड़के ही किया.पोखरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में किए गए ब्रह्मोस के इस परीक्षण के तहत मिसाइल ने सफलता पूर्वक सही निशाने को हिट किया।भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण केआधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी।ब्रह्मोस की रफ़्तार 2.8मैक(ध्वनि की रफ़्तार के बराबर)है।इस मिसाइल की रेंज 290K.M.है.ये300KG. भारी युद्धक सामग्री अपने साथ ले जा सकती है।दरअसल,ब्रह्मोस मिसाइल कोDRDO डीआरडीओ ने भारत एवं रूस के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर विकसित किया.इसका नाम भी भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी को जोड़कर ब्रह्मोस रखा है।यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।यह मिसाइल भारत की अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है।इसने भारत को मिसाइल तकनीकी में अग्रणी देश बना दिया।ब्रह्मोस के समुद्री,थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण 12जून,2001को किया था।मौजूदा समय में यह थल व नौसेना की थाती तथा भारतीय वायु सेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बन चुका है।यह मिसाइल सबसे पहले 2005में नौसेना को मिली।नौसेना के सभी डेस्ट्रॉयर और फ्रीगेट युद्धपोतों में ब्रह्मोस मिसाइल लगी हुई है।ब्रह्मोस मिसाइल 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से 290किलोमीटर तक के ठिकानों पर अटैक कर सकती है।वहीं ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज को अब 400 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज़ मिसाइलों को 40सुखोई युद्धक विमानों में जोड़ने का काम जारी है।नए उभरते सुरक्षा परिदृश्य में इससे भारतीय वायुसेना की ज़रूरतें पूरी हो जाएंगी.इसमें लगे सभी वैद्यानिकों को खूब खूब बधाईयां।वंदन।

22मार्च 2018सुबह सुखोई से दागी गई 'ब्रह्मोस'दूसरा परीक्षण भी सफल हो गया था।सेना और सब के लिए खुशी के समाचार =भारत ने राजस्थान में जैसलमेर जिले के पोखरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में दुनिया की सबसे तेज सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल "ब्रह्मोस"का फिर टेस्ट लिया. ब्रह्मोस मिसाइल ने सेना और डीआरडीओ के अधिकारियों की उपस्थिति में किए गए इस दूसरे टेस्ट को भी पास किया *कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरने और राडार की नजरों से बचने में माहिर माने जाने वाली ब्रह्मोस का परीक्षण -21.3.2018तड़के ही किया.पोखरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में किए गए ब्रह्मोस के इस परीक्षण के तहत मिसाइल ने सफलता पूर्वक सही निशाने को हिट किया।भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण केआधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी।ब्रह्मोस की रफ़्तार 2.8मैक(ध्वनि की रफ़्तार के बराबर)है।इस मिसाइल की रेंज 290K.M.है.ये300KG. भारी युद्धक सामग्री अपने साथ ले जा सकती है।दरअसल,ब्रह्मोस मिसाइल कोDRDO डीआरडीओ ने भारत एवं रूस के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर विकसित किया.इसका नाम भी भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी को जोड़कर ब्रह्मोस रखा है।यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।यह मिसाइल भारत की अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है।इसने भारत को मिसाइल तकनीकी में अग्रणी देश बना दिया।ब्रह्मोस के समुद्री,थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण 12जून,2001को किया था।मौजूदा समय में यह थल व नौसेना की थाती तथा भारतीय वायु सेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बन चुका है।यह मिसाइल सबसे पहले 2005में नौसेना को मिली।नौसेना के सभी डेस्ट्रॉयर और फ्रीगेट युद्धपोतों में ब्रह्मोस मिसाइल लगी हुई है।ब्रह्मोस मिसाइल 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से 290किलोमीटर तक के ठिकानों पर अटैक कर सकती है।वहीं ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज को अब 400 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज़ मिसाइलों को 40सुखोई युद्धक विमानों में जोड़ने का काम जारी है।नए उभरते सुरक्षा परिदृश्य में इससे भारतीय वायुसेना की ज़रूरतें पूरी हो जाएंगी.इसमें लगे सभी वैद्यानिकों को खूब खूब बधाईयां।वंदन।

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