26 Feb पुण्यतिथि विनायकदामोदरसावरकर.
पुण्यतिथि विनायकदामोदरसावरकर.======== ========(26.02.1966)======= क्रान्तिकारियों के सिरमौर, स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर का जन्म दि.28मई1883.में गांव भगूर जिला नासिक (महाराष्ट्र)में हुआ।* लोकमान्य तिलक से वे बहुत प्रभावित हुए।देशकीआजादी ही मुख्य ध्येय बना.1905मे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आंदोलन चलाया।जब तीनों चापेकर बंधुओं को फांसी हुई तो इन्होने बहुत मार्मिक कविता लिखी,और पढ़कर पूरी रात रोते रहे।सावरकर सशस्त्र क्राति के समर्थक थे।वे श्यामजी वर्मा द्वारा दी गयी छात्र वृति से ब्रिटेन गये।लंदन का इण्डिया हाउस उनका मुख्य केन्द्र था।वहां अनेक छात्रों को क्राति के लिये प्रेरित किया।उनमे एक थे मदनलाल डींगरा।जिसने कर्नल कर्जन को मारा।इन गतिविधियों के कारण ब्रिटिस पुलीस ने-13.03. 1910को उन्हें पकड़ा। मुकदमा चलाया।भारत मे तो पहले से ही उनपर मुकदमे चल रहे थे।सो उनको मोरिया जलयान से भारत भेजा.दि.10.06.1910.को वो जहाज फ्रांस के मोर्सेल्स बंदरगाह आया।वे शौच के बहाने शौचालय की खिड़की से कूदकर तैरते हुए दूसरे किनारे पहुचे।फ्रांस की पुलीस ने पकड़ा।अंतरराष्टीय न्यायालय हेग मे मुकदमा चला।अंग्रेजी शासन के विरुद्ध षड़यंत्र रचने,भारत मे शस्त्र भेजने के अपराध मे आजन्म कारावास हुआ।सभी सम्पत्तियां जब्त की। *सावरकर जी ने ब्रिटिस अभिलेखागारों का अध्ययन करके-1857. का स्वतंत्रता संग्राम ग्रंथ लिखा* जिसे छपने हेतु गुप्त रूप से भारत भेजा।इस सूचना से अंग्रेज सरकार घबरा गयी।यह पहला ग्रंथ था जिसे प्रकाशन पूर्व ही प्रतिबंधित कर दिया।पेरिस (फ्रांस)भी भेजा,वहां भी इसे नहीं छपने दिया।अंत मे होलैण्ड से1909मे प्रकाशित हुआ.जो आज भी सबसे विश्वनीय ग्रंथ है.1911मे एक और आजन्म कारावास की सजा मे उन्हें कालापानी भेजा।इस प्रकार दो जन्मो की कालापानी की सजा मिली।वहां उनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी बंद थे।जेल मे घौर अत्याचार किये।नंगे बर्फ की शीली पर लेटाना,कोल्लू बन कर तेल निकाला।कोड़ो की मार,भूखे प्यासे रखना,आदि यातनायें दी.1921मे अण्डमान से रत्नागिरि भेजा.1937मे वहां से मुक्त हुए।फिर सुभाष चन्द्र बोस के साथ आजाद क्राति मे लगे.1947मे आजादी के बाद भी उन्हें गांधी हत्या के झूठे मुकदमे मे फंसाया,पर वे निर्दोष निकले.वे राजनीति के हिन्दूकरण,और हिन्दू का सैनीककरण के पक्षधर थे *वीर सावरकर जी ने -26.02.1966को शरीर त्याग दिया.ऐसे महान वीर दामोदर सावरकर को सादर वंदन.सादर नमन.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏*
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