30 March पुण्यतिथि. 30.03.1664 मानवता के महान हमदर्द गुरू गुरू हरिकिशन जी
पुण्यतिथि. 30.03.1664
मानवता के महान हमदर्द गुरू
गुरू हरिकिशन जी
आपका जन्म दिनांक-07 जुलाई1656मे हुआ।बहुत छोटी आयु में ही सिख पंथ के आठवे गुरू बने।और छोटी आयु में ही देह त्याग दी।सातवें गुरू हरीराम जी को चिंता सता रही थी कि उनके बाद गुरू गद्दी कौन सम्भालेगा।बड़े पुत्र रामराय और छोटे पुत्र हरीकिशन की परीक्षा बतौर गुरू स्मरण के वक्त सूई चुभाकर देखी।रामराय आपे से बाहर हो गये।और हरीकिशन को सूई का बिलकुल पता नही चला।तभी से गुरू हरीराम ने हरीकिशन को गद्दी सौंपने का मन बना लिया। ये गुरू हरीकिशन बचपन से ही बड़े प्रतापी,उदार चित्त,और संत स्वभावी थे।इस बाल गुरू ने मानव भलाई हेतुअपना सारा जीवन न्योंछावर किया।उस वक्त दिल्ली में महामारी फैल गई।चोरों ओर हैजे,चेचक के रोगी नजर आने लगे।गुरू हरीकिशन जी ने सबको वाहे गुरू का जाप दिया।रोगियों हेतु लंगर लगवाये।बिना भेद भाव के तन मन धन से सेवा की।अत: हिंदू इन्हें बाला गुरू तो मुश्लीम इन्हें बाला पीर कहते थे।सेवा कार्य करते रहने से इन्हें भी कई रोग हो गये।उन्हें प्रभु के पास जाने का आभास हुआ।माता से कहा-अब हम परम धाम को जावे,तन तजी जोत समावे।चिंता गुरू गद्दी की हुयी।सिख संगत ने गुरू से पूछा तो उनके मुख से निकला" बाबा बकाला"और बकाला गांव के तेज बहादूर जी को यह नोवे गुरू का स्थान मिला *पूज्य गुरू हरीकिशनजी- 30मार्च1664को ही परम धाम गये.सादरवंदन.सादर नमन

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