4 March जन्मदिवस करगिल युद्ध का सूरमा


 जन्मदिवस करगिल युद्ध का सूरमा 

संजय कुमार= 03.03.1976)

संजयकाजन्मग्राम-बकैण(बिलासपुर,हि.प्र.)मेंश्रीदुर्गा राम.श्रीमती भागदेई के घर 03मार्च 1976को हुआ.* इन्होंने 1998में-13जैक रायफल्स में लान्सनायक के रूप में सैनिक जीवन शुरू किया।जकातखाना ग्राम की प्रमिला से उसकी मँगनी हुई।संजय, प्रमिला विवाह के मधुर सपने सँजो रहे थे,उधर भारत की सीमा पर रणभेरी बजने लगी ।धूर्त पाक.सदा से ही भारत को आँखें दिखाता आया है।पाक ने अपने जन्म बाद कश्मीर पर हमला किया,और बड़े भाग पर कब्जा कर लिया।प्र.म.नेहरूजी की भूल के कारण आज भी वह क्षेत्र उसके कब्जे में ही है.1965 और1971में फिर प्रयास किया;पर भारतीय वीरों ने हर बार धूल चटायी।वह जलभुन उठा और हर समय भारत को नीचा दिखाने का प्रयास करने लगा।ऐसा ही एक प्रयास उसने 1999 में किया।देश की ऊँची पहाड़ी सीमाओं से भारत,पाक.के सैनिक भीषण सर्दी के दिनों में पीछे लौट जाते थे।यह प्रथा वर्षों पूर्व हुए एक समझौते से चल रही थी; पर- 1999की सर्दी कम होने पर जब भारतीय सैनिक वहाँ पहुँचे,तो देखा कि पाक. ने भारतीय क्षेत्र में बंकर बना लिये हैं।कुछ समय तक तो उन्हें और उनके आकाओं को शान्ति से समझाने का प्रयास किया गया;पर जब बात नहीं बनी,तो भारत की ओर से भी युद्ध घोषित कर दिया.संजय कुमार के दल को इस युद्ध में मश्कोह घाटी के सबसे कठिन मोर्चे पर तैनात किया था।भर्ती होने के एक वर्ष के भीतर ही देश के लिए कुछ करने की जिम्मेदारी मिलने से वह अत्यधिक उत्साहित थे।पाकिसैनिक वहाँ भारी गोलाबारी कर रहे थे।संजय ने हिम्मत नहीं हारी।आमने- सामने के युद्ध में तीन शत्रु सैनिकों को ढेर कर दिया ।संजय स्वयं भी बुरी तरह घायल हो गये;घावों से बहते रक्त की चिन्ता किये बिना वह दूसरे मोर्चे पर पहुुँच गये।दूसरा मोर्चा भी आसान नहीं था;संजय कुमार ने वहाँ भी अपनी राइफल से गोली बरसाते हुए सभी पाकि. सैनिकों को मार दिया।जब उनके साथियों ने उस दुर्गम पहाड़ी पर तिरंगा फहराया, तो संजय का मन खुशी से नाच उठा।बहुत खून जाने से उनकी स्थिति खराब हुई।साथियों ने शीघ्रता से आधार शिविर,अस्पताल पहुँचाया, जहाँ वह शीघ्र स्वस्थ हो गये।इस जीत में संजय कुमार की विशिष्ट भूमिका को देख सैनिक अधिकारियों की संस्तुति पर राष्ट्रपति श्री के. आर.नारायणन-26जन.2000को उन्हें ‘परमवीर चक्र’से सम्मानित किया *संजय आज भी सेना में तैनात हैं.उनकी इच्छा है कि उनका बेटा भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करे.सादर वंदन.सादर नमन

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