21 Feb *बलिदान दिवस=कित्तूर की रानी

 🕉हर दिन विशेष पावन= *बलिदान दिवस=कित्तूर की रानी


"चेन्नम्मा"*=                  कर्नाटक में चेन्नम्मा नामक दो वीर रानियां हुई।एक केलाड़ी की चन्नम्मा ने औरंगजेब से,दूसरी कित्तूर की चेन्नम्मा ने अंग्रेजों से संघर्ष किया।कित्तूर की रानी चेन्नम्मा का जन्म 1778.में कर्नाटक के बेलगांव की छोटी रियासत कित्तूर मे हुआ।पिता गुलप्पा गौड़ थे।बचपन से ही धुड़सवारी,तलवार बाजी,मे परांगत हो गई। इनकी शादी देशाई वंश के महाराजा मलेश्वरजा के साथ हुई।इनकी पहली पत्नि रूद्रमा पूजा पाठ में ही पूरा समय देती,चन्नम्मा उनकी दूसरी पत्नि थी जो महाराज के राज काज में पूरा सहयोग दे दरबार में बैठती।महाराज की मृत्यु बाद रानी ने सारा राज काज सम्भाला।तीन पुत्र थे।दो की मृत्यु हो गई,तीसरा शिवलिंग रूद्रशरजा को उत्तराधिकारी बनाया,वो भी बीमार हो गया।वो भी चल बसा।इससे पूर्व ही रानी ने नियमानुसार एक बालक शिवलिंगप्पा को गोद ले उसे कित्तूर राज्य का उत्तराधिकारी बनाया। पर अंग्रेजों ने नहीं माना। और कित्तुर को अपने राज्य मे मिलाना चाहा। रानी ने इसे स्वीकार नहीं कर,कहा कि कित्तूर हमारा है,हमारा ही रहेगा।तब अंग्रेज सेनापति ठेकरे ने कित्तूर किले की घेराबंदी कर कहा कि या तो आत्म समर्पण कर दें नहीं तो किले को तोप से उड़ा देंगे।तब रानी ने द्वार खुलवाकर अपने नेतृत्व मे अंग्रेजों पर टूट पड़ी।उस अकस्मात युद्ध से अंग्रेज घबरा गये।रानी के एक वीर योद्धा बालप्पा ने अंग्रेज ठेकरे को मौत के घाट उतार दिया।अंग्रेज भाग गये।रानी की विजय हुई।पर कुछ दिनों बाद ही अंग्रेज सेनापति चेपलिन ने विशाल सेना के साथ किले को घेर लिया।रानी का एक विश्वनीय शिववसप्पा गद्दार निकला,अंग्रेजों से मिला। उधर एक ओर से कर्नल डेकन ने भी हमला बोला। रानी और सेना ने डटकर मुकाबला किया।उधर विशाल सेना,इधर मुठ्ठीभर सैनिक,कबतक मुकाबला करते।किले पर अंग्रेजों का अधिकार हुआ,और रानी को गिरफ्तार कर(धारवाल की जेल)बेलबोंगम दुर्ग मे नजरबंद किया।पांच वर्ष के कठोर कारावास के बाद,वहीं वे-21.02.1929 बलिदान हुई-(कई जगह पर दि.02फर.1829.को) यही चिंगारी प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बनी।बेलहोंगम मे रानी की समाधी बनी है। आज भी उस वीर रानी की याद मे-23अक्टू.को महिला दिवस के रूप में,तथा 22से24अक्टू.को कित्तूर उत्सव मनाया जाता है।उन्हें सादर वंदन नमन। 👏

Comments

Popular posts from this blog

24 March Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) के 46 वर्षों से प्रचारक गौरी शंकर चक्रवर्ती जी पुण्यतिथि

13 Feb मुग़ल आक्रमण के प्रतिकारक महाराजा सूरजमल जाट जन्म दिवस –

13 Feb जन्मदिन परमहंस बाबा राम मंगलदास