22 Feb जन्मदिवस स्वामीसहजानंदसरस्वती
जन्मदिवस स्वामीसहजानंदसरस्वती 22.02.1889
*🌹🌹🌹महाशिवरात्रि🌹🌹🌹*
आज किसानों के क्रांतिकारी नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्मदिन है।
किसानों के क्रांतिकारी नेता और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रखर नेता *स्वामी सहजानंद का जन्म 22फरवरी1889में महाशिवरात्रि के गाज़ीपुर जिले के देवा नामक गाँव में हुआ* स्वामी सहजानंद बहुत बड़े क्रांतिकारी लेखक थे।उनकी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें निम्नलिखित हैं---
1.गया के किसानों की करुण कहानी,1933
2.भूमि व्यवस्था कैसी हो,1935
3.The other side of the Shield,1938
4.Rent Reduction in Bihar: How it works,1939
5.मेरा जीवन संघर्ष,1940
6.किसान कैसे लड़ते हैं,1940
7.किसान सभा के संस्मरण,1940
8.किसान क्या करें?,1940
9.झारखंड के किसान,1941
10.खेत मजदूर,1941
11.क्रांति और संयुक्त मोर्चा,1941
12.जमींदारी का खात्मा कैसे हो?,1946
13.किसानों को फँसाने की तैयारियां,1946
14.अब क्या हो?,1947
15.महारूद्र का महातांडव,1948
16.किसानों के दावे और कार्यक्रम का खरीता,1949
स्वामी सहजानंद के विचार क्रांति के बारे में क्या थे?" क्रांति क्या है? "उनकी पुस्तिका से निम्नलिखित उद्ध्वरण प्रासंगिक होगा उनके जन्मदिवोत्सव पर--
"क्रांति अचानक होती है....।अचानक कहने का मतलब होता है कि पुराने शासकों को जिस ढंग और तरीके की आशा भी नहीं होती उसी तरीके से उन्हें उठा फेंका जाता है।....रूस का अंतिम जार निकोलस द्वितीय और उसकी स्त्री जारिना को----दोनों को ही----इस बात की जरा भी उम्मीद नहीं थी कि उनके हाथ से सत्ता की बागडोर छिन जाएगी, सो भी जनता के द्वारा।उनके दिमाग में यह बात समाती ही नहीं थी।इसलिए जब कभी जार किसी वजह से जरामरा झुकना भी चाहता था तो जारिना उसे बार बार यही कहती थी कि हर्गिज हर्गिज ऐसा मत करो--Do not yield.उसे विश्वास ही नहीं था कि तख्त उलट जाएगा।यहाँ तक कि जिस दिन जार कैद हो गया उस दिन भी जारिना ने यही संदेश भेजा था ।मगर सन्1917ई.की फरवरी के अंत में और आज के हिसाब से13,14मार्च को उसके हाथ से सरकार छिन गई।सन्1789ई. की जुलाई में फ्रांस के शासक16वें लुई की भी यही हालत हुई।हालांकि वह भी बेफिक्र था कि उसकी गद्दी छिन नहीं सकती।...।"
*महान क्रांतिकारी किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती को उनकी133वीं जन्मतिथि
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