30 March Janmadin आदर्श संघ कार्यकर्ता अप्पाजी जोशी=
आदर्श संघ कार्यकर्ता अप्पाजी जोशी=*
30मार्च1897को महाराष्ट्र के वर्धा में जन्मे अप्पा जी ने क्रांतिकारियों तथा कांग्रेस के साथ रहकर काम किया।कांग्रेस के कोषाध्यक्ष जमनालाल बजाज के वे निकट सहयोगी थे;डा.हेडगेवार के सम्पर्क में आने पर बाकी सबको छोड़ दिया। डा.हेडगेवार,श्रीगुरुजी,बालासाहब देवरस,तीनों सरसंघचालकों के दायित्व ग्रहण समय वे उपस्थित थे ।बचपन बहुत गरीबी में बीता।पिता एक वकील के मुंशी थे.12वर्ष की आयु में पिताजी,चाचाजी,तीन भाई दिवंगत हुए।कठिनाईयों से दस तक पढ़ाई की.1905 में बंग-भंग आन्दोलन से प्रभावित हो वे स्वाधीनता समर में कूद गये.1906में लोकमान्य तिलक के दर्शन किये।और अन्तःकरण में देशप्रेम की ज्वाला धधक उठी.14वर्ष की आयु में शादी हुई।वे भी एक वकील के पास पिता की तरह ही मुंशी बन गये।पर सामाजिक कार्यों में सक्रियता बनी रही।वे नियमित अखाड़े में जाते थे।वहीं उनका सम्पर्क संघ स्वयंसेवक श्रीअण्णा सोहनी से हुआ।उनके माध्यम से डा.हेडगेवार से हुआ।डा.जी बिना बताये देश भर में क्रान्तिकारियों की मदद करते थे,और इस काम मे अप्पा जी उनके विश्वस्त बनें।दिन-रात कांग्रेस के लिए काम करने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी।कांग्रेस के कोषाध्यक्ष जमनालाल बजाज ने इन्हें कांग्रेस के कोष से वेतन देना चाहा; पर इन्होंने मना कर दिया. 1947के बाद जहाँ अन्य कांग्रेसियों ने ताम्रपत्र और पेंशन ली,वहीं अप्पा जी ने यह स्वीकार नहीं किया। आपातकाल में वे मीसा में बन्द रहे।वे देशसेवा की कीमत वसूलने को पाप मानते थे।एक बार कांग्रेस के काम से अप्पा जी नागपुर आये।तब डा. हेडगेवार के घर में ही बैठक के रूप में शाखा लगती थी।अप्पाजी ने देखा।वापस आकर 18 फर.1926को वर्धा में शाखा शुरू कर दी।यह नागपुर के बाहर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहली शाखा थी।डा.जी ने उन्हें वर्धा जिला संघचालक का दायित्व दिया।नव.1929 में नागपुर में प्रमुख कार्यकर्ताओं की एक बैठक में सबसे परामर्श कर अप्पा जी ने निर्णय लिया= डा.हेडगेवार ही संघ के सरसंघचालक होने चाहिए .10नव.शाम को जब सब संघस्थान पर आये,तो अप्पा जी ने सबको दक्ष देकर‘सरसंघचालक प्रणाम एक-दो-तीन’की आज्ञा दी। सबके साथ डा.जी ने भी प्रणाम किया।फिर अप्पा जी ने घोषित किया कि आज से डा.जी सरसंघचालक बन गये हैं.
1934में गांधी जी को वर्धा के संघ शिविर में अप्पा जी ही लाये थे.1946में वे सरकार्यवाह बने।अन्त तक सक्रिय रहते हुए-21दिस. 1979को अप्पा जी जोशी का देहान्त हुआ।सादर वंदन।नमन। 👏।

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