पुण्यतिथ27.1.1989 शौर्य एवं पराक्रम की कविताओं के लेखक श्यामनारायणपाण्डेय======* रण बीच चौक है।भर-भर कर,चेतक बन गया निराला था।।राणा प्रताप के घोड़े से,पड़ गया हवा का पाला था।। ऐसी सैकड़ों कविताओं के *लेखक पं.श्याम नारायण पांडेय का जन्म ग्राम डुमरांव(जिला आजमगढ़, उ0प्र0)में 1910में हुआ* पिता श्री रामाज्ञा पांडे अबोध शिशु को अपने अनुज विष्णुदत्त की गोद में डालकर असमय स्वर्ग सिधार गये।श्याम नारायण कई संस्कृत पाठशालाओं में पढ़,माधव संस्कृत महाविद्यालय,काशी में आचार्य नियुक्त हुए। युवावस्था में वे कवि सम्मेलनों के शीर्षस्थ कवि थे।उनकी शौर्यपूर्ण कविताएं सुनने के लिए श्रोता मीलों पैदल चल कर आते.1939में रचित उनकी प्रसिद्ध कविता ‘हल्दीघाटी’तत्कालीन विद्यार्थी और स्वाधीनता सेनानियों की कंठहार थी।जौहर,तुमुल,जय हनुमान,शिवाजी,भगवान परशुराम,माधव,आरती, रिमझिम,आदि उनके प्रसिद्ध काव्यग्रन्थ हैं।पांडे जी में एकमात्र कमी यह थी कि उन्होंने कभी सत्ताधीशों की चाकरी नहीं की।वे खरी बात कहना और सुनना पसंद करते थे।रा.स्व.संघ के संस्थापक डा0 हेडगेवार के लिये लिखा= केशव तुमको शत-शत प्रणाम।।आदमी की मूर...